भारत में ठप पड़ सकती हैं हजारों बैंकिंग सर्विसेज, इस कंपनी ने सरकार को किया आगाह

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भारत में हजारों बैंकिंग सर्विसेज के ठप होने का खतरा बन गया है. असल में अमेरिकी सेटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा देने वाली कंपनी ह्यूजेस नेटवर्क सिस्टम्स सरकार को बकाया भुगतान की वजह से अपना भारतीय परिचालन बंद कर सकती है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने कंपनी द्वारा लिखे गए लेटर के हवाले से यह जानकारी दी है. भारत के सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल के अंत में सरकार को लिए अरबों डॉलर का भुगतान करने के लिए कई दूरसंचार कंपनियों को आदेश दिया, जिनमें ह्यूजेस और वोडाफोन जैसी बड़ी फर्म भी शामिल हैं. कंपनी की वेबसाइट के अनुसार यह भारत में 30 से अधिक सार्वजनिक और निजी बैंकों को संचार सेवाएं भी प्रदान करती है.

रक्षा, शिक्षा और बैंकिंग में सर्विस

ह्यूजेस इंडिया यूनिट देश में रक्षा, शिक्षा और बैंकिंग क्षेत्रों को सेवाएं प्रदान करती है. कंपनी ने 20 फरवरी को लिखे लेटर में भारत के दूरसंचार मंत्री को बताया कि वह 600 करोड़ रुपये (84 मिलियन डॉलर) का भुगतान नहीं कर सकती है. ह्यूजेस के इंडिया प्रेसिडेंट पार्थो बनर्जी ने पत्र में कहा कि कंपनी के बंद होने से 70,000 से अधिक बैंकिंग स्थानों पर कनेक्टिविटी बाधित हो सकती है. साथ ही भारतीय नौसेना, सेना और रेलवे में कई महत्वपूर्ण उपग्रह नेटवर्क भी प्रभावित हो सकते हैं.

कंपनी नहीं कर सकती इतना बड़ा भुगतान

बनर्जी ने पत्र में लिखा है कि हम एक बड़ी मांग का सामना कर रहे हैं … जो वास्तव में हमारी कंपनी को दिवालिएपन और बंद करने की ओर धकेल रही है. यह एक एसओएस अनुरोध है. कंपनी का कहना है कि सरकार के दूरसंचार विभाग ने एक दशक से भी अधिक समय पहले बकाया राशि का कैलकुलेशन गलत था, जो ब्याज और दंड के साथ 84 मिलियन डॉलर की हो गई है.

वोडाफोन आइडिया पर भी बंद होने का खतरा

रॉयटर्स ने जंब ह्यूजेस से इसे लेकर संपर्क किया तो उन्होंने लेटर के संबंध में टिप्पणी नहीं की लेकिन एक बयान में कहा कि वह भारत के लिए प्रतिबद्ध हैं और अपने ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करना जारी रखेंगे. भारत के दूरसंचार मंत्रालय ने इस पर कोई कमेंट नहीं दिया. बता दें कि बकाया देनदारी के चलते वोडाफोन आइडिया पहले ही अपना आपरेशन बंद करने के संकेत दे चुकी है. कंपनी पर 53 हजार करोड रुपये के करीब बकाया है, जिसमें ब्याज और पेनल्टी शामिल है. इससे वोडाफोन आइडिया में 13 हजार कर्मचारियों की नौकरी पर संकट आ गया है.