21000 रु तक है सैलरी तो ESI स्कीम से मिलेगा हेल्थ कवर, मुफ्त इलाज से लेकर फैमिली पेंशन तक हैं फायदे

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कम आय वाले कर्मचारियों के स्वास्थ्य लाभ के लिए केन्द्रीय श्रम मंत्रालय ने बीमा योजना उपलब्ध करा रखी है. इसका नाम कर्मचारी राज्य बीमा (ESI) योजना है. इसका फायदा निजी कंपनियों, फैक्ट्रियों और कारखानों में काम करने वाले कर्मचारियों को मिलता है. ESI के तहत मुफ्त इलाज का लाभ लेने के लिए ESI डिस्पेंसरी अथवा हॉस्पिटल जाना होता है. इसके लिए ESI कार्ड बनता है. कर्मचारी इस कार्ड या फिर कंपनी से लाए गए दस्तावेज के आधार पर स्कीम का फायदा ले सकता है.

मौजूदा समय में देश भर में ईएसआईसी के 151 अस्पताल हैं. इन अस्पतालों में सामान्य से लेकर लेकर गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधा उपलब्ध है. पहले ईएसआईसी अस्पताल में ईएसआईसी के कवरेज में शामिल लोगों को ही इलाज की सुविधा मिलती थी, लेकिन अब सरकार ने इसे आम लोगों के लिए भी खोल दिया है.

ये नियोक्ता आते हैं दायरे में

ईएसआई स्कीम संचालन करने की जिम्मेदारी कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की है. ईएसआई के दायरे में वे सभी कंपनी और प्रतिष्ठान आते हैं, जहां 10 या इससे ज्यादा कर्मचारी हैं. हालांकि महाराष्ट्र व चंडीगढ़ में 20 या इससे ज्यादा कर्मचारी वाले प्रतिष्ठान इस योजना के दायरे में आते हैं.

इतनी सैलरी पर मिलता है फायदा

ईएसआई का लाभ उन कर्मचारियों को उपलब्ध है, जिनकी मासिक आय 21 हजार रुपये या इससे कम है. हालांकि दिव्यांगजनों के मामले में आय सीमा 25000 रुपये है.

ESIC में योगदान

ESIC में कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों का योगदान होता है. मौजूदा समय में कर्मचारी की सैलरी से 0.75 फीसदी योगदान ईएसआईसी में होता है और नियोक्ता की ओर से 3.25 फीसदी. जिन कर्मचारियों का प्रतिदिन औसत वेतन 137 रुपये है, उन्हें इसमें अपना योगदान देना नहीं होता.

कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन?

ESIC के लिए रजिस्ट्रेशन नियोक्ता की तरफ से होता है. इसके लिए कर्मचारी को परिवार के सदस्यों की जानकारी देनी होती है. नॉमिनी भी कर्मचारी को तय करना होगा.

ESI स्कीम में मिलने वाले फायदे

इस योजना में आने वाले कर्मचारियों और उन पर निर्भर लाभार्थियों को 11 प्रकार के लाभ उपलब्ध कराये जाते हैं. ये इस तरह हैं…

चिकित्सा लाभ: ईएसआई में बीमित व्यक्ति और उस पर आश्रित पारिवारिक सदस्यों को चिकित्सा लाभ मिलता है. चिकित्सा हितलाभ उपलब्ध कराने का दायित्व राज्य सरकार का है. प्राथमिक, बहिरंग, अंतरंग और विशेषज्ञ सेवाएं कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालयों/औषधालयों एवं पैनल क्लीनिक के माध्यम से उपलब्ध करायी जाती हैं, जबकि अति विशेषज्ञता सेवाएं रेफरल के आधार पर देश के प्रख्यात चिकित्सा संस्थानों के माध्यम से मिलती हैं.

बीमारी लाभ: ईएसआईसी बीमित व्यक्ति को बीमारी के दौरान होने वाली छुट्टी के लिए 91 दिनों के लिए नकद भुगतान किया जाता है. इस हित लाभ का भुगतान बीमारी प्रमाणीकरण से 7 दिन के भीतर हितलाभ मानक दर पर किया जाता है और इस हित लाभ की दर दैनिक मजदूरी के 50 फीसदी से कम नहीं होती है.

मातृत्व लाभ: ईएसआईसी मातृत्व छुट्टी के दौरान डिलीवरी में 26 सप्ताह तक, गर्भपात के मामले में 6 सप्ताह तक, कमीशनिंग मां या दत्तक मां को 12 सप्ताह तक औसत दैनिक वेतन का 100 फीसदी नकद भुगतान किया जाता है.

नि:शक्तता लाभ: किसी बीमित व्यक्ति को अस्थायी नि:शक्तता यानी टेंपरेरी डिसेबिलिटी की स्थिति में चोट ठीक होने तक और परमानेंट डिसेबिलिटी की स्थिति में ईएसआईसी जीवनभर निरंतर मासिक पेंशन का भुगतान करता है.

आश्रितजन लाभ: यदि किसी बीमित व्यक्ति की रोजगार के दौरान मौत हो जाती है तो ईएसआईसी उसके आश्रितों को नियत अनुपात में मासिक पेंशन का भुगतान करता है. यह हित लाभ बीमांकित व्यक्ति की मृत्यु के अधिकतम तीन महीने के भीतर उसके आश्रितजनों को किया जाता है और उसके बाद नियमित रूप से मासिक आधार पर भुगतान किया जाता है. पेंशन को 3 भागों में बांटा जाता है. पहला, बीमित व्यक्ति की पत्नी को पेंशन मिलेगी. दूसरा, बीमित के बच्चों को मिलती है और तीसरा, बीमित व्यक्ति के माता-पिता को मिलती है.

बेरोजगारी भत्ता: यदि कोई बीमित व्यक्ति अनैच्छिक हानि या फिर रोजगार से अलग चोट लगने के कारण स्थायी रूप से डिसेबल हो जाता है तो उसे 24 माह की अवधि तक नकद मासिक भत्ता मिलता है.

वृद्धावस्था चिकित्सा लाभ: सेवा पूरी करने के बाद रिटायर हो चुके बीमित व्यक्ति को ईएसआई अस्पतालों और औषधालयों में चिकित्सा लाभ दिया जाता है.

व्यावसायिक प्रशिक्षण: ईएसआईसी रोजगार के दौरान चोट लगने से हुई डिसेबिलिटी के मामले में वसूला गया वास्तविक शुल्क या 123 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से बीमित व्यक्ति को भुगतान करता है.

शारीरिक पुनर्वास: रोजगार के दौरान चोट लगने के कारण शारीरिक नि:शक्तता की स्थिति में बीमित व्यक्ति जब तक कृत्रिम अंग केंद्र में भर्ती रहता है, उसे अस्थायी नि:शक्तता हितलाभ की दर से भुगतान किया जाता है.

प्रसूति व्यय: जिन मामलों में गर्भवती महिला को ईएसआई अस्पतालों में चिकित्सा लाभ नहीं मिलता है, उनको बाहरी अस्पतालों में उपचार कराने के लिए 7500 रुपये की दर से नकद भुगतान मिलता है. यह लाभ दो बार दिया जाता है.

अंत्येष्टि व्यय: ईएसआईसी की ओर से बीमित व्यक्ति की मृत्यु होने की स्थिति में उसकी अंत्येष्टि के लिए मूल व्यय या अधिकतम 15 हजार रुपये का नकद भुगतान किया जाता है.

ESIC Card कैसे डाउनलोड करें

  • www.esic.in पर जाकर यूजर ID और पासवर्ड दर्ज करके लॉगिन करना होगा.
  • अगले पेज पर E-pehchan Card की लिंक पर क्लिक करना होगा.
  • इसके बाद कर्मचारी अपने नाम से सर्च कर सकता है या फिर मेन यूनिट में इंप्लॉई लिस्ट देख सकता है.
  • अब कर्मचारी को उसके नाम के सामने आ रहे “View Counter Foil” विकल्प पर क्लिक करना होगा.
  • अप्लाई पर क्लिक कर प्रिंट आउट भी निकाल सकते है.