बजट में आम आदमी को लगेगा झटका! टैक्स में राहत मिलने की उम्मीद हुई कम, ये हैं बड़ी वजह

0
594

Budget 2020, Income Tax, Corporate Tas: अर्थव्यवस्था में जारी नरमी के कारण चालू वित्त वर्ष में कर से प्राप्त राजस्व लक्ष्य की तुलना में करीब 2 लाख करोड़ रुपये कम रह सकता है. इसके कारण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पास बजट में पर्सनल इनकम टैक्स में कटौती के विकल्प सीमित हो गये हैं. मामले से प्रत्यक्ष तौर पर जुड़े सूत्रों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में पर्सनल इनकम टैक्स और कॉरपोरेट इनकम टैक्स से प्राप्त राजस्व लक्ष्य की तुलना में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये कम रह सकता है. इसके अलावा अर्थव्यवस्था में जारी नरमी के कारण माल एवं सेवा कर (राजस्व) से प्राप्त अप्रत्यक्ष कर राजस्व भी लक्ष्य से 50 हजार करोड़ रुपये कम रह सकता है.

कॉरपोरेट टैक्स में हो चुकी है कटौती

सीतारमण ने सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिये पिछले साल सितंबर में कॉरपोरेट टैक्स की दरों में कटौती करने की घोषणा की थी. ऐसी उम्मीदें थीं कि वह बजट में पर्सनल इनकम टैक्स के लिये भी इसी तरह की राहत की घोषणा कर सकती हैं. हालांकि कर से प्राप्त राजस्व के लक्ष्य से कम रहने की आशंका और सरकार के विनिवेश के लक्ष्य से बेहद दूर रह जाने के कारण ऐसा कर पाने के विकल्प सीमित हो गये हैं.

सरकारी खजाने पर बढ़ा दबाव

कॉरपोरेट कर की दरों में की गयी 28 साल की सबसे बड़ी कटौती से सरकारी खजाने पर 1.45 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ा है. इसके अलावा सरकार ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों तथा घरेलू संस्थागत निवेशकों के दीर्घ एवं अल्पावधि की पूंजीगत आय पर अधिशेष को भी वापस लेने की घोषणा की थी. इससे खजाने पर 1,400 करोड़ रुपये का दबाव पड़ा है.

टैक्स रेवेन्यू के लिहाज से बुरा साल

पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग समेत कई विशेषज्ञों ने संकेत दिये हैं कि कर से प्राप्त राजस्व लक्ष्य से 2 से 2.5 लाख करोड़ रुपये कम रह सकता है. उन्होंने हाल ही में एक ब्लॉग में कहा था कि कर राजस्व के नजरिये से 2019-20 एक बुरा वित्त वर्ष साबित होने जा रहा है. कर राजस्व संग्रह लक्ष्य से 2.5 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का 1.2 फीसदी) कम रहने की संभावना है.