बैंक में जमा पूरी रकम नहीं होती है सेफ, केवल 5 लाख रु तक पर मिलती है गारंटी

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यस बैंक (Yes Bank) पर RBI की ओर से लगाई गई लिमिट के बाद बैंक ग्राहक टेंशन में हैं. जमाकर्ताओं को बैंक में मौजूद अपनी पूंजी की फिक्र है. रिजर्व बैंक ने यस बैंक पर गुरुवार देर शाम रोक लगाते हुए उसके बोर्ड को भंग कर SBI के पूर्व CFO प्रशांत कुमार एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त कर दिया और 3 अप्रैल तक निकासी की सीमा 50,000 रुपये कर दी है. हालांकि RBI और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आश्वासन दिया गया है कि यस बैंक में ग्राहकों की रकम पूरी तरह सुरक्षित है.

यस बैंक की तरह किसी भी बैंक पर ऐसा संकट आ सकता है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर कोई बैंक दिवालिया हो जाए या डिफॉल्ट कर जाए तो क्या ग्राहकों की पूरी जमा सुरक्षित रहती है? इसका जवाब है नहीं. अगर कोई बैंक डूब जाता है तो अब उस बैंक में ग्राहकों की 5
लाख रुपये तक की जमा ही सिक्योर्ड है. पहले यह लिमिट 1 लाख रुपये तक थी. लेकिन बजट 2020 में इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया.

DICGC देती है कवर

दरअसल, बैंक जमा पर डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रे​डिट गारंटी (DICGC) कॉरपोरेशन डिपॉजिट इंश्योरेंस कवरेज उपलब्ध कराती है. DICGC भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी है. RBI के निर्देश के मुताबिक सभी कमर्शियल और को ऑपरेटिव बैंक का DICGC से बीमा होता है, जिसके तहत जमाकर्ताओं को बैंक जमा पर सुरक्षा मिलती है. इसमें सभी छोटे और बड़े कमर्शियल बैंक व कोऑपरेटिव बैंक कवर्ड हैं, चाहे उनकी ब्रांच भारत में हो या विदेश में.

अधिकतम कितनी जमा पर गारंटी

5 लाख रुपये तक की नई लिमिट एक ग्राहक की एक बैंक में मौजूद सभी जमाओं मसलन, बचत खाता, एफडी, आरडी आदि को मिलाकर है. यानी अगर किसी बैंक की एक ही या अलग-अलग शाखाओं में ग्राहक के अलग-अलग खातों में जमा मौजूद है तो उन सभी को मिलाकर 5 लाख रुपये तक की रकम के ही सेफ होने की गारंटी है. इसमें मूलधन और ब्‍याज दोनों को शामिल किया जाता है.

किस तरह के डिपॉजिट होते हैं कवर

  • DICGC द्वारा बैंक में हर तरह की जमा मसलन सेविंग्स, फिक्स्ड, करंट, रेकरिंग या अन्य को इंश्योर किया जाता है.
  • विदेशी सरकार द्वारा जमा
  • केंद्र/राज्य सरकार का डिपॉजिट
  • इंटर बैंक डिपॉजिट
  • राज्य के भूमि विकास बैंक की जमा
  • भारत से बाहर की कोई डिपॉजिट
  • रिजर्व बैंक की मंजूरी से छूट प्राप्त कोई डिपॉजिट

अगर ज्वॉइंट अकाउंट है तो…

रिजर्व बैंक के मुताबिक, सिंगल और ज्वॉइंट अकाउंट को अलग-अलग यूनिट माना जाता है. मसलन बैंक ए में आपका एक अकाउंट केवल आपके नाम पर और दूसरा अकाउंट आपके और आपके जीवन साथी दोनों के नाम संयुक्त रूप से है. इस स्थिति में अगर बैंक फेल होता है तो DICGC के बीमा के हिसाब से आपको दो अकाउंट का मुआवजा मिलेगा. यानी सिंगल और ज्वॉइंट दोनों अकाउंट में 5—5 लाख रुपये तक की रकम सुरक्षित है.

कैसे जानें आपका बैंक इंश्योर्ड है या नहीं?

DICGC बैंकों को इंश्योर्ड बैंक के रूप में पंजीकृत करते हुए, उन्हें प्रिंटेड लीफलेट्स के साथ फर्निश्ड करता है, जिससे यह जानकारी मिलती है कि यह बैंक DICGC द्वारा इंश्योर्ड है. अगर आपको इस बारे में संदेह हो तो इस संबंध में शाखा अधिकारी से विशेष पूछताछ करनी चाहिए.