सस्ते क्रूड का असर! 2 महीने में 6.62 रु/ली तक सस्ता हुआ पेट्रोल-डीजल, ​अब आपके शहर में क्या हैं भाव

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सऊदी अरब के रूस के साथ प्राइस वार छेड़ने के बाद क्रूड में पिछले दिनों बड़ी गिरावट आई और ब्रेंट का भाव 31 डॉलर के करीब पहुंच गया. डबल्यूटीआई क्रूड 28 डॉलर के आस पास आ गया. बुधवार को इसमें कुछ रिकवरी है और ब्रेंट 37 डॉलर के करीब ट्रेड कर रहा है. इस साल क्रूड में 42% गिरावट आ चुकी है. पिछले दिनों कोरोना वायरस के चलते भी दुनियाभर में मांग गिरने की वजह से क्रूड सस्ता हुआ. फिलहाल क्रूड के सस्ता होने का असर भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर भी दिख रहा है. पिछले 2 माह में पेट्रोल 5.90 रुपये प्रति लीटर तक सस्ता हो चुका है. डीजल में भी 6.62 रुपये प्रति लीटर की कमी आई.

11 जनवरी के बाद से कीमतें घटीं

11 जनवरी को दिल्ली में पेट्रोल का भाव 76.01 रुपये प्रति लीटर था. 11 मार्च को दिल्ली में पेट्रोल का भाव 70.29 रुपये प्रति लीटर है. इसी तरह से 11 जनवरी को दिल्ली में डीजल 70.29 रुपये के भाव पर था जो अब घटकर 63.01 रुपये हो गया है. यानी 2 माह के दौरान दिल्ली में पेट्रोल 5.72 रुपये और डीजल 6.16 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो चुका है.

वहीं, चेन्नई में इस दौरान पेट्रोल 5.90 रुपये और डीजल 6.62 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो चुका है. 11 जनवरी को चेन्नई में पेट्रोल और डीजल के भाव 78.98 और 73.10 रुपये प्रति लीटर था.

इस दौरान कोलकाता में पेट्रोल और डीजल के भाव में 5.61 रुपये और 6.20 रुपये प्रति लीटर सस्ता हुआ है. वहीं, मुंबई में इनमें 5.61 रुपये और 6.57 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो गया है.

यहां देखें अपने अपने शहर में पेट्रोल-डीजल का भाव

क्रूड में क्यों आई गिरावट

क्रूड आयल की कीमतों पर ओपेक और रूस सहित नॉन ओपेक देशों के बीच सहमति के बाद प्राइस वार छिड़ गया है. इसका असर यह हुआ कि रविवार देर रात ब्रेंट क्रूड 30 फीसदी से ज्यादा टूटकर 31 डॉलर प्रति बैरल के करीब आ गया. वहीं, डब्ल्यूटीआई क्रूड भी 28 डॉलर प्रति बैरल के करीब ट्रेड कर रहा है. एक्सपर्ट आगे भी यह कमजेारी बने रहने की बात कर रहे हैं. गोल्डमैन सैक्स ने तो यूएस क्रूड में 20 डॉलर तक गिरावट का आउटलुक जारी किया है. इससे पहले 1991 में कच्चे तेल की कीमतों में एक दिन में इतनी बड़ी गिरावट आई थी.

क्रूड की कीमतों में 20 साल की सबसे बड़ी कटौती

ब्लूमबर्ग के अनुसार OPEC और उसके सहयोगी देशों के बीच तेल का उत्पादन बंद करने को लेकर कोई समझौता नहीं होने के बाद सऊदी अरब ने रविवार को तेल के दामों में पिछले 20 साल में सबसे बड़ी कटौती करने का ऐलान किया था. उसने एशिया के लिए अप्रैल डिलीवरी की कीमत 4-6 डॉलर प्रति बैरल और अमेरिका के लिए सात अरब डॉलर प्रति बैरल घटा दी. अनुमान जताया जा रहा था कि मुख्य तेल उत्पादकों की बैठक में उत्पादन में भारी कटौती का फैसला किया जाएगा, लेकिन रूस ने ऐसा करने से इनकार कर दिया.