नए टैक्स सिस्टम को अपनाना है तो हर हाल में 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल करें

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  • नए टैक्स सिस्टम को वित्त वर्ष (2020-21) में लागू किया जा रहा है
  • टैक्सपेयर्स नए और पुराने में किसी भी टैक्स सिस्टम को चुन सकते हैं
  • नए टैक्स सिस्टम में टैक्स रेट कम है, लेकिन छूट का फायदा नहीं मिलेगा
  • एक्सपर्ट के मुताबिक बिलिटेड रिटर्न फाइलर नए सिस्टम को नहीं अपना सकते

इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए टैक्स सिस्टम्स को पेश किया। यह वित्त वर्ष 2020-21 से लागू होगा। नए वित्त वर्ष में टैक्सपेयर्स नए और पुराने में किसी एक सिस्टम्स को चुनने के लिए स्वतंत्र होंगे। पुराने टैक्स सिस्टम्स में उन्हें तमाम छूट का फायदा मिलता रहेगा, लेकिन टैक्स का रेट ज्यादा है। वहीं नए टैक्स सिस्टम्स में 70 तरह के डिडक्शन और एग्जेंप्शन का फायदा नहीं मिलेगा। 

यहां एक सवाल बेहद महत्वपूर्ण है कि अगर कोई टैक्सपेयर बिलेटेड रिटर्न फाइल करता है और चाहता है कि नए वित्त वर्ष (2020-21) में वह नए टैक्स सिस्टम्स को अपनाए तो क्या यह संभव है? इसको लेकर अलग-अलग एक्सपर्ट की अलग-अलग राय है। 

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2020 होगी। 31 मार्च के बाद बिलिटेड रिटर्न फाइल किया जाता है और इसके लिए पेनाल्टी जमा करना होगा। 31 दिसंबर 2020 तक पेनाल्टी 5000 और 1 जनवरी 2021 से 31 मार्च 2021 तक रिटर्न फाइल करने पर पेनाल्टी 10 हजार रुपये होगी। 

1. टैक्स एक्सपर्ट्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट का कहना है कि अगर कोई टैक्सपेयर नया टैक्स सिस्टम्स चुनता है और 31 जुलाई से पहले चालू वित्त वर्ष (2019-20) के लिए रिटर्न फाइल करता है तो उसे नए रेट्स के हिसाब से टैक्स भरना होगा। 

5 साल की बैंक FD

ऑनलाइन टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट की बात करें तो सबसे आसान है 5 साल की मैच्योरिटी पीरियड वाली बैंक एफडी में निवेश। अगर आपके बैंक अकाउंट की केवाईसी हुई है तो आपके लिए इसमें निवेश बहुत आसान है। आप नेट बैंकिंग अकाउंट लॉगिन कीजिए और वहीं से निवेश कर दीजिए। यह सुनिश्चित करें कि आपका PAN अकाउंट में अपडेट है। मैच्योरिटी पर मिलने वाला अमाउंट सीधे आरपके खाते में आ जाएगा। फिक्स्ड डिपॉजिट करते वक्त आप ब्याज कैसे पाना चाहते हैं- मंथली, क्वॉटरली या क्यूमुलेटिव आधार पर। यह आपकी आय में जुड़ जाएगा, जो टैक्सेबल होगा। फइलहाल 5 साल की एफडी पर बैंक 6.85 से 8 पर्सेंट तक का ब्याज दे रहे हैं। वरिष्ठ नागरिकों को 0.5 पर्सेंट तक ज्यादा ब्याज मिल रहा है।

2.फाइनैंस बिल 2020 के मुताबिक, अगर कोई टैक्सपेयर वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 31 जुलाई के बाद बिलिटेड रिटर्न फाइल करता है तो उसे वर्तमान/पुराने रेट के हिसाब से टैक्स भरना होगा। वहा चाहकर भी वित्त वर्ष 2020-21 के लिए नए टैक्स सिस्टम्स को नहीं अपना सकता है। 

3. एनए शाह असोसिएट्स LLP के सीनियर पार्टनर अशोक शाह का कहना है कि अगर किसी टैक्सपेयर की इनकम सैलरी और पेंशन से है और वह नए टैक्स सिस्टम्स को अपनाना चाहता है तो उसे हर हाल में 31 जुलाई से पहले रिटर्न फाइल कर देना चाहिए। 

बिजनस के लिए पर्सनल लोन पर टैक्स छूट

यदि पर्सनल लोन का इस्तेमाल बिज़नस के लिए किया गया है तो उस पर दिए गए इंटरेस्ट को अपने टैक्स के बोझ को कम करने के लिए खर्च के रूप में क्लेम किया जा सकता है।

4. Tax2win.in के सीईओ अभिषेक सोनी का कहना है कि फाइनैंस बिल 2020 में फिलहाल इसको लेकर विशेष जानकारी नहीं है कि सैलरीड इंडिविजुअल अगर बिलेटेड रिटर्न फाइल करता है तो क्या वह नए वित्त वर्ष (2020-21) में नए टैक्स सिस्टम्स को अपना सकता है या नहीं। 

5. इंडिविजुअल जिसकी इनकम बिजनस से है और वह चाहता है कि नए टैक्स सिस्टम्स को अपनाए तो फाइनैंस बिल 2020 में साफ-साफ लिखा गया है कि उसे सेक्शन 139(1) के तहत 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल कर देना चाहिए। अगर वह बिलिटेड रिटर्न फाइल करता है तो उसे वर्तमान रेट के हिसाब टैक्स भरना होगा और वह नए टैक्स सिस्टम्स को नहीं अपना सकता है।