Tax Savings: आखिरी मिनट में टैक्स बचाने के बेस्ट ऑप्शन, इन 2 बातों का भी रखें ध्यान

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Tax Saving options in last hours: समय के साथ एसेट बनाने के लिए निवेश आवश्यक है. अपना वित्तीय भविष्य सुरक्षित करने के लिए व्यक्ति को लंबी अवधि के साथ-साथ शॉर्ट टर्म के वित्तीय लक्ष्यों को भी ध्यान में रखना चाहिए. सभी टैक्सदाताओं को निवेश के हर विकल्पों पर संभावित रिटर्न के साथ-साथ उनसे जुड़े जोखिम का भी आकलन कर लेना चाहिए. इनकम टैक्स में छूट के मकसद से निवेश के कई विकल्प बाजार में मौजूद हैं. लेकिन, अक्सर ऐसा देखा जाता है कि अधिकांश टैक्सपेयर आखिरी मिनट में ही निवेश संबंधी फैसले करते हैं. वित्त वर्ष समाप्त होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं. कई टैक्स पेयर्स ने अपने टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट भी जमा नहीं किए होंगे. एक स्मार्ट टैक्सपेयर के रूप में व्यक्ति को निवेश का उचित माध्यम चुनना चाहिए, जिससे अच्छा रिटर्न भी मिले और टैक्स की बचत हो सके.

वित्त वर्ष समाप्त होने से पहले टैक्स सेविंग्स विकल्पों में निवेश के लिए अब कुछ ही दिन बचे हैं. टैक्स सेविंग के विकल्पों में निवेश से बचाए गए टैक्स के रूप में तत्काल रिटर्न मिलता है. टैक्स ब्रैकेट में व्यक्ति जितना ऊपर होता है, उसका लाभ भी उतना ही ज्यादा होता है. जब व्यक्ति के पास बचत व निवेश के अनेक विकल्प हों, तो सही उत्पाद चुनना बहुत कठिन हो जाता है. आइए कुछ निवेश के कुछ ऐसे विकल्पों के बारे में जानते हैं, जिनमें आखिरी मिनट में भी पैसा लगाना बेहतर है.

सेक्शन 80C का लाभ लें

इनकम टैक्स एक्ट का सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रु. तक निवेश कर टैक्स डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं. इसके तहत, आप पब्लिक प्राॅविडेंट फंड (पीपीएफ), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी), बैंक फिक्स्ड डिपाॅज़िट (एफडी), लाइफ इंश्योरेंस प्लान आदि में निवेश कर छूट ले सकते हैं. आपको केवल निवेश करना है, यह सोचकर निवेश नहीं करना चाहिए. आपको ऐसे उत्पादों में निवेश करना चाहिए जो आपकी आवश्यकता के दायरे में हों. एफिशियंसी एवं अंतिम समय की घबराहट से बचने के लिए आपको ऑनलाइन निवेश करना चाहिए. ऑफलाइन भुगतान से चीजें खराब हो सकती हैं, जैसे आपका चेक किसी वजह से बाउंस हो सकता है, जबकि ऑनलाइन भुगतान की प्रक्रिया सुगम होने से अंतिम मिनट के संकट से बचा जा सकता है.

इंश्योरेंस प्लान में निवेश करें

निवेश के अनेक विकल्प, जैसे यूलिप, पारंपरिक इंश्योरेंस प्लान आदि हैं, जिनसे व्यक्तिगत खर्च पूरे होने के अलावा टैक्स की बचत भी होती है. सही इंश्योरेंस पाॅलिसी चुनना बहुत आवश्यक है, क्योंकि एक अच्छी इंश्योरेंस पाॅलिसी का उद्देश्य पर्याप्त रिस्क कवर प्रदान करना है. हेल्थ इंश्योरेंस आपके द्वारा चुना जाने वाला एक महत्वपूर्ण निवेश है. सही हेल्थ इंश्योरेंस प्लान न केवल आपको इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80डी के तहत टैक्स बचाने में मदद करता है, बल्कि हाॅस्पिटलाइजेशन के समय आपको वित्तीय सुरक्षा भी देता है. हेल्थ इंश्योरेंस के लिए चुकाए गए प्रीमियम पर सेक्शन 80डी के तहत 25,000 रुपये तक की कर कटौती ले सकते हैं. 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए यह सीमा 50,000 रुपये है.

80G, 80GGA एवं 80GGC में भी विकल्प

आपके निवेश आयकर कानून के तहत केवल इन सेक्शंस तक ही सीमित नहीं होने चाहिए. निवेश के कुछ अन्य विकल्पों के बारे में कम जानकारी है, जैसे सेक्शन 80जी, 80जीजीए एवं 80जीजीसी. इन सेक्शंस के तहत आप मेडिकल इलाज पर किए खर्चों, एनजीओ या राजनीतिक पार्टियों को दिए डोनेशंस पर टैक्स डिडक्शन बेनेफिट्स ले सकते हैं. इसके अलावा सेक्शन 80TTA के तहत आपके बचत बैंक खाते से मिले ब्याज पर 10,000 रु. तक के टैक्स डिडक्शन बेनेफिट्स दिए जाते हैं.

प्रोफेशनल की सलाह लें

आखिर मिनट में अनेक लोग टैक्स सेविंग के लिए निवेश के ऐसे विकल्प तलाशना शुरू करते हैं, जिससे उनका टैक्स का दायित्व कम हो सके. अंतिम माह की भीड़ में कई लोग गलत विकल्प चुन लेते हैं, जिसके लिए उन्हें बाद में पछतावा करना पड़ता है. आप निवेश करने से पहले सदैव विशेषज्ञ का परामर्श लें, जो सही निवेश के लिए आपका मार्गदर्शन करे, जिससे आपको टैक्स सेविंग मिले और आप अपने मजबूत वित्तीय भविष्य के लिए योजना बना सकें.

समय पर निवेश शुरू करें

अपने निवेश की योजना वित्त वर्ष की शुरुआत में ही बना लें क्योंकि अंतिम समय पर लिए गए निर्णय में गलती की संभावना काफी ज्यादा होती है. गलती करने से बचने के लिए आप पहले ही शुरुआत कर लें, ताकि आप ज्यादा विकल्प तलाश सकें और अपने निवेश के बारे में ठोस निर्णय ले सकें तथा आपको दीर्घकाल में वैल्थ क्रिएशन प्लान में मदद मिले.

टैक्स बचाना कोई साल के अंत में किया जाने वाला काम नहीं, इसके लिए आपको साल की शुरुआत में ही टैक्स प्रोफाइल का मैनेजमेंट एवं एक एक्टिव प्लानिंग की जरूरत है ताकि टैक्स बचाने के सभी अवसरों का पूरा फायदा उठाया जा सके.