बैंक दे रहे हैं कोविड-19 स्पेशल पर्सनल लोन, सामान्य कर्ज के मुकाबले कम ब्याज दर

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बहुत से बैंकों ने अपने वर्तमान में मौजूद कर्जाधारक और सैलरी खाता धारकों के लिए कोविड-19 स्पेशल लोन को लॉन्च किया है. इसका लक्ष्य ग्राहकों को लॉकडाउन की वजह से हो सकने वाली लिक्विडिटी की मुश्किल में राहत देना है. ये कोविड-19 के लिए खास पर्सनल लोन सामान्य लोन से अलग हैं. आइए सामान्य पर्सनल लोन और कोविड-19 पर्सनल लोन की तुलना करते हैं.

लोन की योग्यता

पर्सनल लोन की योग्यता कर्जधारक की जोब प्रोफाइल, मासिक इनकम, नियोक्ता की प्रोफाइल, क्रेडिट स्कोर आदि पर निर्भर करती है. ज्यादातर बैंक और NBFC को लोन आवेदक के लिए कोई मौजूदा संबंध की जरूरत नहीं होती. हालांकि, कोविड-19 पर्सनल लोन मौजूदा कर्जधारकों के लिए होते हैं या जो बैंक के साथ सैलरी अकाउंट रखते हैं, उनके लिए लागू होते हैं. इसके अलावा आवेदकों का लॉकडाउन से पहले लोन के पुनर्भुगतान का अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड होना चाहिए.

लोन की राशि

पर्सनल लोन के लिए लोन की राशि सामान्य तौर पर 50,000 रुपये से 20 लाख रुपये तक होती है. कोविड-19 पर्सनल लोन लॉकडाउन की वजह से होने वाली लिक्विडिटी की मुश्किल से संबंधित होते हैं, इसलिए लोन की राशि कम रहती है. यह 25,000 रुपये और 5 लाख रुपये के बीच होती है.

ब्याज दर और प्रोसेसिंग फीस

आम पर्सनल लोन के लिए ब्याज दर कर्जदाता और व्यक्ति की क्रेडिट प्रोफाइल के आधार पर सालाना 9 से 24 फीसदी होती है. प्रोसेसिंग फीस लोन की राशि के 3 फीसदी तक जा सकती है. कोविड-19 पर्सनल लोन कर्जदाता अपने मौजूदा ग्राहकों को देते हैं, इसलिए वे कम ब्याज दर लगाते हैं, जो सालाना 7.2 फीसदी से शुरू होती है और 10.5 फीसदी तक जाती है. ज्यादातर कर्जदाता कोविड-19 लोन के लिए कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं लेते हैं.

लोन की अवधि

पर्सनल लोन की अवधि 1 से 5 साल तक होती है. कुछ लोन में यह अधिकतम सात साल की रहती है. कोविड-19 पर्सनल लोन के लिए ज्यादातर कर्जधारक तीन साल तक की अवधि के साथ दे रहे हैं, जिसमें कुछ अधिकतम 5 साल की अवधि के साथ लोन दे रहे हैं. इसके अलावा ज्यादातर बैंक 3 से 6 महीने का मोरेटोरियम भी इन लोन पर पेश कर रहे हैं. कर्जधारकों को मोरेटोरियम की अवधि के दौरान केवल ब्याज के अंश का भुगतान करना होता है.